Powered By Blogger

Search This Blog

Saturday, May 7, 2011

क्या फर्क पड़ता है...

क्या फर्क पड़ता है!
जम्हुरिअत हो या अम्लियत...
हम मग्न हैं अपनी जिंदगी में..
फुर्सत ही नहीं है... सोचने की, समझने की... बदलने की...
अच्छा ही है! बदल कर करेंगे क्या???
कितने वज़ीर-ऐ-आज़म, सदर और जरनैल बदले...
पर बदला... कुछ भी नहीं...
गलती हमारी है... हमने कभी पूछा ही नहीं...
पेट्रोल महंगा हुआ... CNG पर आ गए...
बिजली नहीं मिली... U.P.S./इन्वेर्टर ले लिया...
आटा गायब हुआ... सब्र कर लिया...
चीनी महंगी हुई... कुछ भी नहीं किया :/
हज़ारों खबरें... न्यूज़ चैनल्स.. Sting Operations...
पर... बदला... कुछ भी नहीं...

क्यूँ???

क्यूँ कि हमें आदत हो गयी है...
आदत... अपने हक गवाने की...
आदत... अपना पेट कटवाने की...
नीचे... और नीचे दबते ही जाने की...

अभी भी वक़्त है... जागो!!!
नहीं तो इसी तरह ज़िल्लत की कब्र में दबते जाओगे.
उठो! वरना कभी नहीं जान पाओगे...

"क्या फर्क पड़ता है..."

-Ashi...

No comments:

Post a Comment